Saturday, December 12, 2020

महोब्बत के कुछ शब्द

anu 562

 

 महोब्बत के कुछ शब्द लिखने बैठे थे आपके लिए और मैंने महोब्बत की एक पूरी क़िताब लिख दी, क्योकि आप मेरी महोब्बत की वो किताब हो जिसने हमें ज़िन्दगी में जीना सिखाया और दुःख हो या सुख हर पल मेरा साथ दिया, जिस मोड़ पे मेरे क़दम डगमगा रहे थे उन डगमगाते कदमो को अपने सहरा दिया, आप ने मेरी महोब्बत किताब के हर पन्नो को रंगीन बनाया, महोब्बत के उन रंगीन पन्नों को जब भी मैं याद करती हूँ, तो दिल में एक अजीब ख़ुशी की लहर छा जाती है जब भी मैं किताब पन्नों को पलटती हूँ अपने आप मेरे चहरे पे एक बहुत बड़ी मुस्कान आती है आप मेरी महोब्बत की किताब के वो पन्ने हो जिस के बिना मेरी जिंदगी फीकी और अधूरी है आप मेरी महोब्बत की किताब के वो पन्ने हो जिसे एक बार कोई इंसान देख ले तो वो ख़ुशी से झूम उठता है आप मेरी जिंदगी की किताब के वो पन्ने हो, जिसे अंहकार से नहीं महोब्बत से लिखा है……….

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1 comment:

Anonymous said...

I read very nice poem . because great kavita .com site is very good site for hindi

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