अरे ये क्या कयामत हो गई,
रातों की नींदें उड़ गई,
दिन का चैन खो गया,
मेरे दिल की तारें उनके दिल से जुड़ गई,
हर रोज मेरी आंखे उनकी राह देखती है,
और मन मे हर रोज एक नई किरण बनती है
खुदा की भी एक बार महरबानी हो जाए,
और कबूल कर ले मेरी ये पुकार तो
खुल जायेंगा, अपना ये नसीब
जब होगा मेरा Akadu मेरे करीब होगा………….
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